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अब और सुरक्षित होंगी कारें, Bharat NCAP 2.0 में होंगे नए क्रैश टेस्ट

Bharat NCAP 2.0 में अब कारों की सेफ्टी टेस्टिंग होगी और कड़ी

Bharat NCAP 2.0 भारत में 2027 से लागू होगा। इसमें फुल-फ्रंटल और रियर क्रैश टेस्ट शामिल होंगे, साथ ही एडवांस डमीज और नई सेफ्टी टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जाएगा।

भारत में कारों की सेफ्टी को और मजबूत करने के लिए भारत न्यू कार असेसमेंट प्रोग्राम (Bharat NCAP) 2.0 आने वाला है। यह नया वर्ज़न 2027 से लागू होगा। अभी तक जो सिस्टम है, वह अक्टूबर 2023 से चल रहा है और इसमें अब तक 24 कारों की टेस्टिंग हो चुकी है। यह वॉलंटरी प्रोग्राम है यानी कंपनियों की इच्छा पर कार टेस्ट होती है।

Bharat NCAP: अभी कैसे होते हैं क्रैश टेस्ट?

फिलहाल भारत में कारों की टेस्टिंग कुछ इस तरह की जाती है:

इसके अलावा चाइल्ड रेस्ट्रेंट सिस्टम (CRS) और कई सेफ्टी-असिस्ट टेक्नोलॉजी को भी चेक किया जाता है। हर गाड़ी को एडल्ट और चाइल्ड ऑक्यूपेंट सेफ्टी के लिए 5 स्टार तक रेटिंग दी जाती है।

Bharat NCAP 2.0 में क्या नया होगा?

नई रिपोर्ट के मुताबिक, भारत एनसीएपी (Bharat NCAP) 2.0 में कई बड़े बदलाव किए जाएंगे:

  1. फुल-फ्रंटल क्रैश टेस्ट
    अब केवल आंशिक फ्रंटल इम्पैक्ट की जगह पूरी चौड़ाई पर फ्रंटल क्रैश टेस्ट होगा। यह असली हेड-ऑन टक्कर की स्थिति को दिखाएगा।
  2. रियर क्रैश इम्पैक्ट टेस्ट
    भारत में पहली बार पीछे से टकराने वाले क्रैश टेस्ट होंगे। इससे पता चलेगा कि गाड़ी पीछे बैठे यात्रियों, ईंधन सिस्टम और व्हिपलैश प्रोटेक्शन में कितनी सुरक्षित है।
  3. एडवांस क्रैश-टेस्ट डमीज़
    नए जमाने की डमीज इस्तेमाल होंगी, जो और ज्यादा डाटा कैप्चर करेंगी। इससे टक्कर के समय चोट और दबाव का सही अनुमान लगाया जा सकेगा।
  4. नई सेफ्टी टेक्नोलॉजी का आकलन
    अब कारों के एयरबैग, स्ट्रक्चरल मजबूती और सेफ्टी सिस्टम और ज्यादा डिटेल में जांचे जाएंगे।

क्यों जरूरी है यह बदलाव?

भारत दुनिया का एक बड़ा ऑटोमोबाइल बाजार है, और यहां हर साल लाखों सड़क हादसे होते हैं। ऐसे में बेहतर सेफ्टी स्टैंडर्ड अपनाना बेहद जरूरी है। Bharat NCAP 2.0 से:

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