Electric Vehicles in India: देश के इस शहर में इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) की रही भारी डिमांड, इको फ्रेंडली मोड पर दिखे ग्राहक। देश की डीजल राजधानी के नाम से मशहूर कोलकाता में पिछले साल (2024) डीजल से चलने वाले वाहनों की तुलना में इलेक्ट्रिक वाहनों की ओर शहर का व्यावहारिक बदलाव इको फ्रेंडली गतिशीलता की दिशा में एक प्रमुख माइस्टोन रहा है।
Electric Vehicles in India: भारतीय बाजार में लागातार इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) की बिक्री में डिमांड बढ़ती नज़र आ रही है। न्यूज़ वेबसाइट गाड़ीवाड़ी में छपी एक खबर के अनुसार सरकारी आंकड़ों की मानें तो, देश की डीजल राजधानी के नाम से मशहूर कोलकाता में पिछले साल डीजल से चलने वाले वाहनों की तुलना में इलेक्ट्रिक वाहनों की ओर शहर का व्यावहारिक बदलाव इको फ्रेंडली गतिशीलता की दिशा में एक प्रमुख माइलस्टोन रहा है। आइए, जानते हैं पूरी डिटेल्स।

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Electric Vehicles in India 2024
कोलकाता में साल 2024 के दौरान कुल 5,925 यूनिट्स इलेक्ट्रिक वाहनों का रजिस्ट्रेशन हुआ था। जो 5,897 डीजल वाहनों की रजिस्ट्रेशन संख्या से अधिक है। यह पहली बार है कि कोलकाता में इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या डीज़ल से चलने वाले वाहनों से अधिक है। जबकि चार्जिंग नेटवर्क की कमी, भारी ट्रैफिक और रेंज की समस्या जैसी कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। आपको बता दें कि शहर का वाणिज्यिक बेड़ा लगभग पूरी तरह से डीज़ल ईंधन पर चलता है।
एक तरफ जहां डीजल से चलने वाले वाहन पर्यावरण के लिए हानिकारक माना जाता है। वहीं EV की ओर यह बदलाव लोगों की मानसिकता में बदलाव को दर्शाता है। जिसमें अधिक से अधिक लोग डीज़ल की जगह इको फ्रेंडली (Eco Friendly) वाहनों की विकल्प चुन रहे हैं। डीजल वाहनों में 24 ऐसे कैंसरकारी तत्व होते है, जिनसें हमारे स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है। साथ ही ये वाहन वातावरण को भी भारी नुक्सान पहुंचाते हैं।
कोलकाता के सरकारी आंकड़ों के अनुसार, इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री साल 2023 में 3,628 यूनिट से बढ़कर 2024 में 5,925 यूनिट हो गई। 2022 में कोलकाता में यह संख्या आधी से भी कम यानी 2,197 यूनिट थी। डीजल वाहनों का रजिस्ट्रेशन 2023 में 5,994 यूनिट से घटकर 2024 में 5,897 यूनिट रह गया। हालांकि पेट्रोल से चलने वाली कारें ग्राहकों की पहली प्राथमिकता बनी रही, जिनकी पिछले साल 75,862 यूनिट्स बिक्री रही।
- इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री में वृद्धि के पीछे सबसे प्रमुख कारणों में से एक पश्चिम बंगाल राज्य सरकार द्वारा दिए गए प्रोत्साहन थे। जिसमें इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर और चार पहिया वाहनों की खरीद पर रजिस्ट्रेशन फीस, रोड टैक्स और अन्य कई टैक्सों में भी छूट दी गई है।
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