Suzuki Motorcycle Recalls: सुज़ुकी मोटरसाइकिल इंडिया ने 5,145 यूनिट्स Gixxer 250 और Gixxer SF 250 रिकॉल किए हैं। रियर ब्रेक असेंबली में गलती से गलत पार्ट लगाए गए थे, जिससे सेफ्टी रिस्क बढ़ गया।
सुज़ुकी मोटरसाइकिल इंडिया ने हाल ही में अपनी Gixxer 250 और Gixxer SF 250 बाइक्स का बड़ा रिकॉल जारी किया है। कंपनी ने बताया कि लगभग 5,145 मोटरसाइकिलों में रियर ब्रेक असेंबली में गलत पार्ट लगाए गए हैं। यह खामी गंभीर सेफ्टी रिस्क पैदा कर सकती है, इसलिए कंपनी ने इन्हें तुरंत ठीक करने का फैसला लिया है। जानें पूरी डिटेल्स, किन बाइक्स पर है असर और कंपनी क्या समाधान दे रही है।
Suzuki Motorcycle Recalls: गलती कैसे हुई?
जांच में पता चला कि जिन Gixxer 250 और SF 250 बाइक्स का प्रोडक्शन हुआ, उनमें वी-स्ट्रॉम 250 के रियर ब्रेक असेंबली पार्ट फिट कर दिए गए थे।
- ये पार्ट्स दिखने में फिट हो जाते हैं, लेकिन तकनीकी रूप से कंपैटिबल नहीं हैं।
- ब्रेक पैड और डिस्क का कॉन्फ़िगरेशन अलग होने के कारण ब्रेक पैड ठीक से डिस्क पर नहीं बैठते।
- नतीजा यह होता है कि ब्रेक पैड जल्दी घिसते हैं और ब्रेकिंग परफॉर्मेंस घट जाती है।
इस खामी का असर 2 फरवरी 2022 से 4 जून 2025 के बीच बनी बाइक्स पर देखा गया है। इसका मतलब है कि पिछले तीन सालों तक क्वालिटी चेक के दौरान यह गलती पकड़ में नहीं आई।
प्रभावित बाइक मालिकों को क्या करना चाहिए?
- कंपनी सीधे मालिकों से उनके रजिस्टर्ड डिटेल्स के जरिए संपर्क करेगी।
- साथ ही, कोई भी मालिक अपनी बाइक का VIN (Vehicle Identification Number) सुज़ुकी की ऑफिशियल वेबसाइट पर डालकर यह चेक कर सकता है कि उनकी बाइक रिकॉल लिस्ट में है या नहीं।
- रिपेयर का पूरा काम फ्री ऑफ कॉस्ट अधिकृत सर्विस सेंटर पर किया जाएगा।
- सर्विस सेंटर में पहले बाइक के ब्रेक असेंबली की जांच होगी, फिर गलत पार्ट की जगह सही कंपोनेंट लगाया जाएगा।
Suzuki Motorcycle Recalls: क्यों है यह मुद्दा गंभीर?
- मोटरसाइकिल के रियर ब्रेक का योगदान लगभग 25% ब्रेकिंग फोर्स में होता है।
- फ्रंट ब्रेक जितना पावरफुल नहीं होता, लेकिन बैलेंस और स्टेबिलिटी बनाए रखने में इसकी अहम भूमिका है।
- खासकर इमरजेंसी ब्रेकिंग, कॉर्नरिंग और खराब सड़कों पर, रियर ब्रेक की परफॉर्मेंस सीधा राइडर की सेफ्टी से जुड़ी होती है।
गलत पार्ट्स का इस्तेमाल होने से स्टॉपिंग डिस्टेंस बढ़ सकता है और कंट्रोल कम हो सकता है, जो एक्सीडेंट का कारण बन सकता है।
कंपनी और ग्राहकों पर असर
- सुज़ुकी को न सिर्फ पार्ट्स और लेबर कॉस्ट, बल्कि कम्युनिकेशन और एडमिनिस्ट्रेशन पर भी खर्च करना पड़ेगा।
- सर्विस सेंटर्स पर वर्कलोड बढ़ जाएगा, लेकिन कंपनी ने ट्रेनिंग देकर यह सुनिश्चित किया है कि रिपेयर में कोई गलती न हो।
- हालांकि, स्वेच्छा से रिकॉल करने का फैसला यह दिखाता है कि कंपनी कस्टमर सेफ्टी को प्राथमिकता दे रही है और अपनी ब्रांड इमेज बनाए रखना चाहती है।
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ऑटो इंडस्ट्री के लिए सबक
यह घटना बताती है कि जब अलग-अलग मॉडल्स एक ही असेंबली लाइन और कंपोनेंट्स शेयर करते हैं तो सख्त क्वालिटी कंट्रोल और कंपोनेंट ट्रैकिंग सिस्टम की जरूरत होती है। अगर डिटेल टेस्टिंग और वेरिफिकेशन सिस्टम मजबूत हो, तो ऐसी गलतियां लंबे समय तक अनदेखी नहीं रह सकतीं।