NHAI ने टोल टैक्स नियमों में सख्ती करते हुए नया निर्देश जारी किया है। अब जो लोग हाथ में FASTag दिखाएंगे, उनका टैग ब्लैकलिस्ट किया जाएगा।
टोल प्लाजा पर समय बचाने और ट्रैफिक कम करने के लिए सरकार ने FASTag को अनिवार्य किया था। लेकिन अब भी कई लोग इसे अपनी गाड़ी की विंडशील्ड (कार में सामने के कांच) पर लगाने की बजाय जेब या हाथ में लेकर टोल बूथ पर दिखाते हैं। इससे न केवल सिस्टम में गड़बड़ी आती है, बल्कि अन्य वाहनों को भी परेशानी होती है।
FASTag Blacklist Rule 2025:
अब नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) ने इस पर सख्त रुख अपनाया है। NHAI के मुताबिक, जो वाहन चालक FASTag को विंडशील्ड पर न लगाकर हाथ में लेकर दिखाएंगे, उनका FASTag ब्लैकलिस्ट या हॉटलिस्ट कर दिया जाएगा। इसका मतलब यह होगा कि वह टैग भविष्य में उपयोग के लायक नहीं रहेगा, और वाहन चालक को दोगुना टोल देना पड़ सकता है।
यह नियम इसलिए लाया गया है ताकि टोल कलेक्शन प्रक्रिया को पूरी तरह डिजिटल और संपर्क रहित बनाया जा सके। हाथ में FASTag दिखाने से टोल मशीन उसे सही से स्कैन नहीं कर पाती, जिससे लेन में देरी और अव्यवस्था होती है।
वाहन मालिकों के लिए सलाह:
- FASTag को गाड़ी की फ्रंट विंडशील्ड के बीचोंबीच ठीक से चिपकाएं।
- टैग को बार-बार निकालने या मोड़ने से बचें।
- यदि FASTag काम नहीं कर रहा हो तो संबंधित बैंक या ऐप से जांच करवाएं।
टोल प्लाजा पर कैसे काम करता है:
FASTag एक इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन सिस्टम है जिसे भारत सरकार के सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) और NHAI (भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण) द्वारा लागू किया गया है। इसे वाहन की विंडशील्ड (सामने के शीशे) पर चिपकाया जाता है और इसमें RFID (Radio Frequency Identification) तकनीक का उपयोग होता है। जब वाहन टोल प्लाजा से गुजरता है, तो FASTag को स्कैन कर लिया जाता है और टोल शुल्क स्वचालित रूप से वाहन मालिक के लिंक किए गए वॉलेट या खाते से कट जाता है। इससे बिना रुके टोल भुगतान संभव होता है।
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